हनुमान जी की पत्नियां
हनुमान जी, जो हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं और रामायण में उनकी भक्ति और शक्ति के लिए जाने जाते हैं, उनके विवाह और पत्नियों के बारे में विभिन्न मिथक और कहानियाँ प्रचलित हैं। हनुमान जी के ब्रह्मचारी रूप को सबसे अधिक मान्यता प्राप्त है, लेकिन कुछ पौराणिक कथाओं में उनकी ‘पत्नियां’ होने का भी उल्लेख मिलता है। इस लेख में, हम इस विषय पर प्रकाश डालेंगे और इसकी सच्चाई को समझने की कोशिश करेंगे।
हनुमान जी की पत्नियां: मिथक और तथ्य
हनुमान जी की विवाहित जीवन के संबंध में अलग-अलग मत हैं। कुछ पुराणों और लोककथाओं में उनकी ‘पत्नियों’ का उल्लेख मिलता है, जबकि अधिकांश प्रामाणिक ग्रंथ उन्हें अविवाहित और ब्रह्मचारी के रूप में दर्शाते हैं। कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी की तीन शादियां हुईं थी, लेकिन इन तीनों की परिस्थितियां और काल बेहद रोचक रहे हैं।
सूर्यदेव पुत्री सुर्वचला
पाराशर संहिता नामक पुस्तक में कहा गया है कि बजरंगली जी की पहली पत्नी का नाम सुवर्चला था, जो सूर्य देव की पुत्री थी। हनुमान जी, जो भगवान रूद्र के विशेष रूप थे, सूर्य के शिष्य थे। सूर्य देव ने हनुमान को नौ अलग-अलग सीधी सीखनी थी, लेकिन हनुमान जी उनमें से केवल पांच ही सीख सके क्योंकि अन्य चार केवल वही व्यक्ति सीख सकता था जो शादीशुदा हो। इसलिए, सूर्य देव ने हनुमान जी को विवाह करने के लिए मना लिया और उन्होंने अपनी बेटी सुवर्चला को हनुमान की पत्नी के रूप में चुना। सुवर्चला हमेशा अपनी साधना पर ध्यान केंद्रित करती थी, लेकिन वह हनुमान से शादी करने के लिए तैयार हो गई ताकि वह बाकी विषयों को सीख सके। विवाह के बाद सुवर्चला सदैव अपनी साधना पर ध्यान केंद्रित करती रहीं।
तेलंगाना राज्य में स्थित एकमात्र मंदिर है जहां पर हनुमान जी और उनकी पत्नी सुवर्चला की एक साथ पूजा होती है। कुछ लोगों का मानना है कि अगर वे इस मंदिर में जायेंगे और दर्शन करेंगे, तो उनकी शादी में जो भी समस्याएं हैं, वे दूर हो जाएंगी।
रावण पुत्री अनंगकुसुमा
एक समय की बात है, रावण और वरुण देव नामक दो शक्तिशाली प्राणियों के बीच बड़ा युद्ध हुआ। इस युद्ध के दौरान हनुमान जी ने वरुण देव की ओर से युद्ध किया और जीत हासिल की। उसने रावण के दोनों पुत्रों को भी बंदी बना लिया। युद्ध के बाद, शांति स्थापित करने के लिए रावण को अपनी अनंगकुसुमा नाम की बेटी की शादी हनुमान से करनी पड़ी। यह कहानी पउम चरिता नामक एक विशेष पुस्तक में लिखी गई है।
वरुण देव की पुत्री सत्यवती
एक बड़े युद्ध के दौरान, हनुमान जी ने वरुण देव को रावण के खिलाफ जीत दिलाने में मदद की। वरुण देव ने प्रसन्न होकर हनुमान जी का विवाह अपनी पुत्री सत्यवती से कराने का निश्चय किया। लेकिन, ये शादियां आम शादियों की तरह नहीं थीं। हनुमान जी ने अपनी पत्नियों से कभी वैवाहिक संबंधों का निर्वाह नहीं किया। वह जीवन भर ब्रह्मचारी ही रहे।
भगवान हनुमान ने कभी शादी नहीं की, लेकिन फिर भी उनका मकरध्वज नाम का एक बेटा था। मकरध्वज का जन्म कैसे हुआ इसकी एक रोचक कहानी है जो हम इस लिंक पर पढ़ सकते हैं
हनुमान जी संबंधित प्रश्नोत्तरी
- हनुमान जी के पिता का नाम क्या है?
- केसरी
- हनुमान जी की माता कौन थीं?
- अंजना
- हनुमान जी को किस देवता का आशीर्वाद प्राप्त था जिससे वे छोटे और बड़े हो सकते थे?
- पवन देव
- रामायण में हनुमान जी ने किसकी खोज के लिए समुद्र पार किया था?
- सीता माता
- हनुमान जी किस ग्रंथ के अनुसार अमर हैं?
- रामायण
- रामायण में हनुमान जी ने किस पर्वत को उठाया था?
- द्रोणगिरि
- हनुमान जी को किस शहर में ‘पवनपुत्र’ के नाम से जाना जाता है?
- अयोध्या
- हनुमान जी का वाहन क्या है?
- उनका कोई वाहन नहीं है
- हनुमान जी की पूजा करने का सबसे शुभ दिन कौन सा है?
- मंगलवार
- हनुमान जी किस देवता के परम भक्त हैं?
- भगवान राम
- हनुमान जी का जन्म किस देवता के प्रभाव से हुआ था?
- वायु देव
- रामायण में हनुमान जी ने किसके लिए लंका दहन किया था?
- रावण की लंका
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