संपूर्ण रामायण का सार : वाल्मीकि कृत रामायण ही सबसे प्राचीन और वास्तविक रामायण है जिसमें वर्णित श्लोक में रामायण का सार है :
“आदि राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्”
अर्थात: एक बार श्री राम वन को गए वहा उन्होंने मृग का पीछा किया और उसे मार दिया ,उसके बाद वैदेही यानी सीता का हरण हुए, सीता को बचाते हुए जटायु का मरन हुआ, सुग्रीव के साथ मित्रता हुई, बाली का बाद हुआ,समुद्र पार का लंका दहन हुए ,तत पश्चात रावण और कुंभकर्ण का वध हुआ ,यही रामायण है।
हमने इस पोस्ट मैं रामायण के मूल्यों और आदर्शों को दर्शाने की कोशिस की है, जो व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के लिए उपयोगी हैं।
1). जब जीवन आपको कठिन परिस्थितियों में डाल दे, तो धर्म और कर्तव्य का पालन कैसे किया जाता है, यह हमें रामायण से सीखने को मिलता है। राजा दशरथ के वचन का पालन करने के लिए भगवान राम ने राज्य के सुख-सुविधाओं का त्याग कर वन में जीवन बिताना स्वीकार किया। यह घटना हमें दिखाती है कि कैसे एक आदर्श पुत्र और एक धर्मनिष्ठ राजकुमार ने अपने पिता के वचन को निभाने के लिए अपनी व्यक्तिगत सुख-सुविधाओं को त्याग दिया।
2). जीवन में कभी-कभी हमें ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं, जो हमारे धर्म और कर्तव्य को परिभाषित करते हैं। रामायण से एक प्रेरणादायक कहानी, जहाँ माता सीता ने राम के साथ वनवास में जाने का निर्णय लिया, यह दर्शाता है कि धर्म और समर्पण किसी भी व्यक्तिगत सुख से बढ़कर होता है। उनकी यह यात्रा हमें बताती है कि जीवन में सच्चे मूल्य और आदर्शों के लिए कभी-कभी बड़े त्याग की आवश्यकता होती है।
3). लक्ष्मण का अपने भाई राम के साथ वनवास में जाना और उनकी सेवा करना, भाईचारे की असीम गहराई को दर्शाता है।उनका यह कदम हमें सिखाता है कि धर्म और परिवार के प्रति समर्पण कैसे निभाया जाता है। लक्ष्मण की यह कहानी पारिवारिक कर्तव्य, भाईचारे और अटूट समर्पण का जीवंत उदाहरण है।
4). भरत ने जब राम को राज्य वापस लौटने का आग्रह किया और राम ने मना किया, तब भरत ने अयोध्या की गद्दी पर राम की खडाऊं रखकर राज्य का संचालन किया। यह घटना भरत के असाधारण धर्मपालन और भाई के प्रति अटूट सम्मान की मिसाल है। उनका यह कदम दिखाता है कि आदर्श और धर्म के प्रति सच्ची प्रतिबद्धता कैसे निभाई जाती है। भरत का जीवन हमें नैतिकता, सच्चाई और परिवार के प्रति समर्पण की शिक्षा देता है। Click
5). हनुमान की राम के प्रति अटूट भक्ति और समर्पण न केवल भक्ति का आदर्श उदाहरण है, बल्कि यह हमें सिखाता है कि निष्ठा और साहस कितने महत्वपूर्ण हैं। सीता की खोज में उन्होंने अपने शक्ति और कौशल का पूरा उपयोग किया, जो धर्म के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हनुमान का चरित्र हमें बताता है कि जब हम अपने इष्ट और आदर्शों के प्रति समर्पित होते हैं, तो किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।
6). रामायण में, सुग्रीव और राम की मित्रता एक अद्भुत उदाहरण है कि कैसे विश्वास और समर्थन मित्रता को अटूट बनाते हैं। उनकी मित्रता ने न केवल सीता की खोज में मदद की, बल्कि यह भी दिखाया कि सच्ची मित्रता में साथी की सफलता और कल्याण महत्वपूर्ण होता है। आइये, हम सुग्रीव और राम की मित्रता से प्रेरणा लें और अपने जीवन में सच्चे मित्र का महत्व समझें।
7). रामायण की कहानी हमें धैर्य और संयम की असीम शक्ति का संदेश देती है। राम का वनवास के दौरान दिखाया गया धैर्य और संयम, न केवल उनके महान चरित्र को प्रकाशित करता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि कठिन समय में भी आत्म-नियंत्रण कैसे बनाए रखा जाए।